रमज़ान 2024: इस्लाम का सबसे पवित्र महीना, जो दुनिया भर के करोड़ों मुसलमानों के लिए बहुत महत्व रखता है, जल्द ही शुरू होने वाला है। मक्का में रमज़ान के उपवास का पहला दिन सोमवार, 11 मार्च या मंगलवार, 12 मार्च हो सकता है वही भारत में रमज़ान 11 मार्च से शुरू होने की संभावना है,। यह पवित्र महीना 29 से 30 दिनों तक चलता है, और उपवास, प्रार्थना, चिंतन और आपसी जुड़ाव का समय होता है। इस्लामी मान्यता के अनुसार, रमज़ान पैगंबर मुहम्मद को कुरान की पहली वही की यादगार के तोर पर मनाया जाता है।
इस्लामी पवित्र महीने की शुरुआत चांद दिखने पर निर्भर करती है। इस्लाम चंद्र कैलेंडर या हिजरी कैलेंडर का उपयोग करता है, जिसमें 354 दिन होते हैं और यह चंद्रमा के चक्रों पर आधारित होता है, जो बाकी दुनिया द्वारा उपयोग किए जाने वाले ग्रेगोरियन या सौर कैलेंडर के विपरीत है। इस महीने के दौरान, दुनिया भर के मुसलमान सूर्योदय से सूर्यास्त तक उपवास करते हैं। उपवास अवधि के दौरान दो मुख्य भोजन इफ्तार और सहरी होते हैं। इफ्तार शाम ढलने के बाद खाया जाता है, जबकि सहरी सुबह तड़के खाया जाता है।
रमज़ान 2024 भारत में कब है?
रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत में रमज़ान मक्का में चांद दिखने के बाद 11 मार्च से शुरू होने की संभावना है, और यह 9 अप्रैल को खत्म होगा। चांद के दिखने के आधार पर ईद-उल-फितर की संभावित तिथि 10 अप्रैल या 11 अप्रैल है।
2023 में, भारत में चांद 24 मार्च को दिखाई दिया था। इस पूरे पवित्र समय के दौरान, मुसलमान सूर्यास्त के समय का बारीकी से पालन करते हैं। भारत में विशाल भौगोलिक विविधता के कारण, इफ्तार के समय में खासा अंतर होता है।
रमज़ान का महत्व क्या है?
अरबी में, रमज़ान का मतलब बहुत गर्मी होता है। इस्लाम के आने से पहले अरब में रमजान बहुत गर्मी वाला गर्मियों का महीना था। हालांकि, इस्लामी कैलेंडर के वर्षों में रमज़ान की तिथियां बदलती रहती हैं, क्योंकि एक इस्लामी वर्ष ग्रेगोरियन वर्ष से लगभग 11 दिन छोटा होता है।
मुसलमानों के लिए रमज़ान उपवास और आध्यात्मिक विकास का समय होता है। यह इस्लाम के “पांच स्तंभों” में से एक है। अन्य चार हैं – शहादत (ईश्वर में विश्वास का कथन), नमाज़ (दैनिक प्रार्थना), ज़कात (दान) और हज (मक्का की तीर्थयात्रा)।
रमज़ान के दौरान, मुसलमान हर दिन सुबह से सूरज ढलने तक खाने, पीने और शारीरिक संबंधों से दूर रहते हैं। कुछ लोग रात में, विशेष रूप से अतिरिक्त प्रार्थना भी करते हैं, और कुरान (मुसलमानों का पवित्र ग्रंथ) को पूरा पढ़ने का प्रयास करते हैं। मुसलमानों का मानना है कि ईश्वर ने रमज़ान के अंतिम 10 दिनों में ही पैगंबर मुहम्मद को कुरान बताया था।
मुस्लिम मान्यता के अनुसार, रमज़ान के दौरान उन चीजों से दूर रहकर जिनका हम आम तौर पर ध्यान ही नहीं देते, लोग जीवन के उद्देश्य पर चिंतन कर सकते हैं। बहुत से लोगों का यह भी मानना है कि उपवास उन्हें गरीबों के प्रति सहानुभूति की भावना पैदा करने में मदद करता है।
कब मनाई जाती है ईद-उल-फितर?
रमजान के पूरा होने का प्रतीक है ईद-उल-फितर या “रोज़ा खोलने का त्योहार”। इस दिन मुसलमान धार्मिक सेवाओं में शामिल होते हैं, अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलते हैं और उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं।
रोज़ा क्या है?
रोज़ा का मतलब है सूर्योदय से सूर्यास्त तक उपवास करना। तेज गर्मी में बिना खाने-पीने के उपवास रखना किसी के लिए भी मुश्किल है, लेकिन इस उपवास की खास बात ये है कि ये उनकी शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक भलाई को मजबूत करता है। रोज़ा रखने वाले दिन के समय खाने और पानी का सेवन नहीं करते हैं।
सहरी क्या है?
सहरी का मतलब है सुबह जल्दी उठना, सूर्योदय से पहले, और सहरी के समय वे जो चाहें खा सकते हैं। उन्हें इस दौरान खाना, पीना और वह सब कुछ खाने की अनुमति होती है जो उन्हें पूरे दिन रोज़ा रखने के लिए ऊर्जा देगा।
इफ्तार क्या है?
इफ्तार वह समय होता है जब सूर्यास्त के बाद मुसलमान भोजन और पानी के साथ अपना रोजा खोलते हैं, और परिवार, दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ इकट्ठा होते हैं।
Ramadan 2024 Guide : रमज़ान के लिए एक संपूर्ण गाइड |